Menu
blogid : 11610 postid : 703651

कांटेस्ट : यादों के लम्हो से प्रेमाभिव्यक्ति

Ankesh_writes
Ankesh_writes
  • 11 Posts
  • 5 Comments

कभी कभी में खुद को भाग्यशाली समझता हूँ, जो मुझे तुमसे परिचित होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ |  वरना भाग्य की लेखनी का किसे पता और न जाने जीवन के कितने अनमोल पलो से में अनभिज्ञ रह जाता । में पूरी तरह से तुम्हारा शुक्रगुज़ार हूँ , जो तुमने मुझे ऐसा अवसर प्रदान किया।  तुम केवल सौन्दर्य ही नहीं अपितु व्यवहारिकता, सामाजिक कुशलता एवं बुद्धिमता का एक अनूठा संगम हो | यह तुम्हारी व्यवहारिकता ही थी जो  मुझे तुम्हारे पास खींचती रही । तुम सम्बन्धो को कुशलतापूर्वक निभाने में पूर्णतया निपुण हो | रिश्तो को जिस बारीकी और गम्भीरता के साथ तुम निभाते हो वह निसंदेह सराहनीय एवं अनुसरणीय है । तुम जैसे हो, अपने आप में पूर्ण हो | तुम सदा ऐसे ही बने रहना । समय हमारे जीवन को कहा से कहा ले जायेगा, यह में अभी नहीं जानता।  लेकिन जीवन के जिस मार्ग पर भी तुम चलना चाहोगे, में हमेशा तुम्हारा साथ देने के लिए तैयार हूँ । मेरा मानना है की ज़िंदगी लम्बी और बहुत सुन्दर सी कल्पना है, जिसका चित्रण हमारे स्वप्नो पर निर्भर करता है | इन स्वप्नो को बुनने के लिए तुम जिस स्तर  पर भी मेरा साथ चाहोगे में सदेव तैयार रहूंगा। पत्र की प्रतीक्षारत। तुम्हारा प्रेमी।

Tags:   

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply